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Garaj Ke Fayde

Written By nai dishayen on सोमवार, 12 फ़रवरी 2018 | फ़रवरी 12, 2018



पोषक तत्वों का भण्डार है गाजर

गाजर के फायदे – गाजर का रस शरीर की ताकत व आत्मबल को बढ़ाता है। गाजर ह्रदय की धमनियों को ठीक रखती है| वह बीमारियाँ जिनमें मीठा लेना मना होता है, जैसे मधुमेह आदि को छोड़कर प्राय: प्रत्येक रोग में गाजर का इस्तमाल किया जा सकता है। फल-सब्जियों में मिलने वाले मिनरल, विटामिन्स तथा खनिज इनको कुदरती रूप में ही खाने से हमारे शरीर में आसानी से पहुँच पाते हैं। उबालकर, छीलकर या तेल में तलकर इनके काफी गुण नष्ट हो जाते है ,इसलिए कोशिश करें की फल-सब्जियों को कच्चा छिलके सहित ही खाएं | शरीर के अंगों का निर्माण खाद्य पदार्थों से प्राप्त होने वाले खनिजो और लवणों से होता है। हमारे शरीर की सफाई शरीर से निकलने वाले पसीने, मल, कफ से होती है।


 शरीर में खनिज नहीं पहुँचने से शरीर की सफाई पूरी तरह से नहीं होती है | सब्जियाँ जैसे गाजर, मूली, टमाटर ,नींबू (Lemon) से प्राप्त मिनरल रोग-निवारक और शारीरिक सुन्दरता बढ़ाने वाले होते है। (Alkaline) क्षारीय होने से गाजर रक्त साफ करती है। गाजर के गुण दूध तथा Cod liver oil और लाल पाम के तेल के गुणों के समान होते हैं। जो लोग Cod liver oil लेना नहीं चाहते हों, वे गाजर से समान लाभ ले सकते हैं। गाजर और सेब के गुण भी मिलते-जुलते हैं।

गाजर के दो वर्ग होते है – एशियाई और यूरोपियन। गाजर का रंग गुलाबी और बैंगनी होता है। बैंगनी गाजर को जिस समय छीला जाता है, उस समय उसका रंग हाथों पर उतर आता है। बैंगनी रंग की गाजर को ही भारतीय माना जाता है। यह गाजर आकार में छोटी व बड़ी दोनों ही प्रकार की होती है। पीले और गुलाबी रंग की गाजर की क़िस्में विदेशी होती हैं। विदेशी गाजरों का आकार छोटा होता है।


पूसा केसर- इस क़िस्म का विकास भारतीय कृषि ने किया है। यह गाजर रंग में केसरिया होती है। इसमें देशी और विदेशी दोनों ही क़िस्मों के दोनों ही गुण होते हैं, क्योंकि इसका विकल्प इन दोनों किस्मों के मेलजोल से उत्पन्न किया गया है।


हाफ़ लौंग नैण्टेज और कोर लैंस– गाजर की ये क़िस्में यूरोपियन हैं। ये आकार में ठूंठदार, बेलनाकार, स्वाद में मीठी तथा रंग में नारंगी होती हैं। भारत में इसका प्रचलन बहुत अधिक है।

कैनटैनी- इस क़िस्म की गाजर का नीचे वाला भाग गोल होता है, यह सामान्य क़िस्मों से कुछ भिन्न होती है। इसका रंग गहरा नारंगी होता है |

गाजर के 20 औषधीय गुण – 

गाजर के फायदे और इसकी रोगों से लड़ने की शक्ति-
लगातार उम्र बढ़ने से शरीर कमजोर होता जाता है। इस कमजोरी की पूर्ति गाजर से हो जाती है जिसके कारण रोग अपने आप ही दूर हो जाते हैं। गाजर के रस या जूस से रक्त में बढ़ोतरी होती हैं |

गाजर का रस पीने से पाचन तन्त्र मजबूत होता है। गाजर के गूदे के बीच में सख्त लम्बी लकड़ी होती है, इसमें बीटा-कैरोटिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है। यह कैंसर नियंत्रण करने में उपयोगी है।

कच्ची गाजर चबाकर खाने से सबसे ज्यादा लाभ होता है। गाजर की पत्तियों में गाजर से 6 गुना अधिक आयरन होता है।

अगर कोई लम्बी बीमारी से बाहर निकला है तो उसके शरीर में कई प्रकार के विटामिन की कमी हो जाती है उसकी क्षतिपूर्ति करने में गाजर का जूस बहुत ही प्रभावकारी है। इससे रोगी चुस्त, ताजगी से भरपूर और शक्तिशाली बनता है।

गाजर कई रंग की होती है। सभी प्रकार की गाजरों के गुण समान होते हैं। काली गाजर में आयरन अधिक होने से यह सबसे अच्छी होती है। पतली और छोटी गाजर स्वादिष्ट, पौष्टिक और गुणों से भरपूर होती है।

गाजर के रस के लाभ –
गाजर और पालक के रस में भुना हुआ जीरा, काला नमक मिलाकर पीने से इसकी गुणवत्ता बढ़ जाती है। गाजर का रस हर प्रकार के ज्वर, दुर्बलता, नाड़ी सम्बन्धी रोग, अवसाद की अवस्था में लाभदायक है।
सर्दी के मौसम में गाजर के सेवन से शरीर गर्म रहता है और सर्दी से बचाव होता है।

गाजर में दूध के समान गुण हैं। गाजर का रस दूध से भी उत्तम है। दूध नहीं मिलने पर गाजर सेवन करके दूध के सारे गुण प्राप्त किये जा सकते हैं।

गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से शक्ति बढ़ती है, शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली यानि (immune system) मजबूत होता है| गाजर के रस में मिश्री व काली मिर्च मिलाकर पीने से खाँसी ठीक हो जाती है तथा ठंड से उत्पन्न कफ भी दूर होता है।

गाजर के छोटे-छोटे टुकड़े 150 ग्राम, तीन टुकड़े लहसुन, पाँच लौंग लेकर सबकी चटनी बनाकर प्रतिदिन एक बार सुबह खाने से सर्दियों में होने वाली बीमारिया जैसे जुकाम, कफ आदि दूर रहते है |

गाजर के और आंवला के रस में काला नमक मिलाकर प्रतिदिन पियें। इससे पेशाब की जलन और अन्य बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।

गाजर के हरे पत्तों से सब्जी बनती है। गाजर की सब्जी बनाते समय पानी नहीं फेंके क्योकि उसमे काफी पोषक तत्व होते है।

गाजर कद्दूकस करके दूध में उबालकर प्रतिदिन लें। यह बहुत पौष्टिक आहार होता है |

रक्तवर्धक—गाजर, पालक, चुकन्दर का मिश्रित रस एक-एक गिलास प्रतिदिन दो बार पीने से खून बढ़ता है।
नेत्र ज्योति कम होना-विटामिन ‘ए’ की कमी से नेत्रज्योति कमजोर होते-होते व्यक्ति अंधा भी हो सकता है। गाजर विटामिन ‘ए’ का भण्डार है। लम्बे समय तक गाजर और पालक का एक गिलास रस पीते रहने से चश्मा भी हट सकता है।

घी में और खुले बर्तन में तेज आंच पर पकाने से विटामिन ए पूरी तरह नष्ट हो जाता है | तो अगर आप आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गाजर का सेवन करना चाहते है तो काली गाजर का रस ही पियें |

बाल झड़ना (Hair Fall)- गाजर, प्याज, हरे धनिया का सलाद प्रतिदिन खाने से बाल झड़ना बन्द हो जाते है। इस सलाद से फॉस्फोरस अधिक मिलता है, जो बालों का झड़ना रोकता है।


गर्भपात की समस्या – एक गिलास दूध और एक गिलास गाजर का रस उबालें। उबलते हुए आधा रहने पर प्रतिदिन पीती रहें। गर्भपात नहीं होगा। जिनको बार-बार गर्भपात होता हो, वे गर्भधारण करते ही इसका सेवन आरम्भ कर दें। 

गाजर का रस 3 भाग, टमाटर का रस 2 भाग और चुकंदर का रस 1 भाग निकालकर आधा गिलास की मात्रा में निरंतर 15-20 दिन सेवन करने से चेहरे की झुर्रियां, झांई, दाग-धब्बे, कील-मुहांसे दूर होकर चेहरा सुंदर हो जाता है |

गाजर के औषधीय उपाय -एसिडिटी, अफारा और बदहजमी दूर करने के लिए गाजर 15-20 दिन तक लगातार खाने से चर्म रोगों (Skin Problems) में भी लाभ होता है। गाजर का रस खुजली में विशेष उपयोगी है।

उबालकर निकाले हुए गाजर के रस में छोटे-छोटे टुकड़े करके धीमी आंच पर पका कर और उसमें गुड़ मिलाकर पीने से टेस्टी लगता है। गाजर को पकाकर निकाला हुआ रस बच्चों के लिए बहुत लाभदायक है।
पके हुए पुराने घाव पर गाजर का गूदा उबालकर बांधने से दर्द कम हो जाता है और घाव भी ठीक हो जाता है।
कच्ची गाजर का पेस्ट बनाकर उसमें आटा मिलाकर छालों तथा जलने वाले घावों पर बांध दिया जाये तो राहत मिलती है।

जिन स्त्रियों को कम दूध आने की समस्या है उन्हें गाजर के रस का सेवन करना चहिये |

गाजर के विभिन्न व्यंजनों द्वारा भी आप इसके गुणों का लाभ उठा सकते हैं जैसे – हलवा ,केक, अचार, सूप, मुरब्बा, चटनी, रायता आदि परन्तु गाजर को व्यंजनों के रूपों में खाने की अपेक्षा गाजर के रस को पीना या कच्ची गाजर खाना अधिक लाभदायक होता है।

गाजर के पेट के लिए भी बहुत लाभ होते है जैसे गैस, ऐठन, शोथ, पेट के अल्सर ,अपच या पेट अफरा होता है तो उनके लिये गाजर बहुत ही फायदेमंद है इस प्रकार के रोगियों को नियमित रूप से गाजर के रस का सेवन करना चाहिए | उन्हें आश्चर्यजनक रूप से फायदा होगा गाजर, नीबू और पालक का रस पीने से कब्ज दूर हो जाती है | 

गाजर में कैल्शियम पैक्टीन फाइबर , विटामिन ए, विटामिन बी, और विटामिन सी होता है, गाजर के फायदे ह्रदय रोगियों के लिए भी हैं क्योंकि यह कॉलेस्ट्रोल का लेवल बढ़ने से रोकता है | यह भी पढ़ें –मूली के फायदे और 35 औषधीय गुण दिल के लिए अच्छी है गाजर : जिन पदार्थों में कैरोटिनॉयड्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, वे पदार्थ शरीर को अन्य लाभ पहुंचाने के अलावा दिल की बीमारी का खतरा कम करते हैं। गाजर ऐसा ही पदार्थ है। कैरोटिनॉयड्स पौधों में रंग के लिए जिम्मेदार ऑर्गेनिक पिगमेंट होते हैं, जो केवल पौधों में ही पाए जाते हैं। एक कप गाजर का रस 40 दिन तक रोज पीने से हृदय रोग शरीर से दूर रहते है।

हड्डियों के रोगों में भी गाजर के फायदे होते है ,ऐसे व्यक्तियों को अपने खाने में गाजर जरूर लेनी चाहिए। गाजर से बॉडी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ेगी तथा शरीर इस तरह मिलने वाले कैल्शियम को जल्दी ऑब्जर्ब करता है।

अगर आप कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सल्फर वगैरह की टेबलेट या Supplement Powder लेते हैं, तो उससे बेहतर है कि इसे नेचुरल तरीके से प्राप्त करे और गाजर खाएं।

किसी भी खाद्य पदार्थ को अत्यधिक मात्रा नहीं खाना चाहिए यह फ़ूड साइंस का एक आधारभूत नियम है | इसलिए गाजर का सेवन ज्यादा ना करें वरना आपको कैरोटेनीमिया भी हो सकता है। इससे त्वचा पीली हो जाती है।
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