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Desi Ghee Sehat Bhi Swaad Bhi

Written By nai dishayen on रविवार, 11 फ़रवरी 2018 | फ़रवरी 11, 2018



देसी घी सेहत भी स्वाद भी

पिछले कुछ समय से हर तरह की चिकनाई को सेहत का दुश्मन माना जाने लगा है। इस निशाने पर देसी घी भी है। पर सच यह है कि संतुलित मात्रा में खाया जाए तो कई समस्याओं के घरेलू उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है, बता रही हैं रजनी अरोड़ा

देसी घी को लेकर यह धारणा देखने को मिलती है कि इसे खाने से मोटापा और दिल से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ता है। यह बात कुछ हद तक ही सही है। आमतौर पर देसी घी गाय, भैंस व बकरी के दूध से बने मक्खन से बनाया जाता है। इनमें भैंस के दूध से बने घी में सबसे ज्यादा वसा होती है। गाय और बकरी के दूध से बने घी में वसा व कैलरी कम होते हैं। गाय का दूध आसानी से पचता है और रोगों से बचाव में कारगर है।

शरीर बनाए मजबूत
देसी घी में संतृप्त (सैचुरेटेड) और असंतृप्त (अनसैचुरेटेड) दो तरह की वसा होती है, जिनमें से 65% भाग संतृप्त वसा का होता है। संतृप्त वसा कोशिकाओं द्वारा ग्रहण कर ली जाती है। इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाने में मदद करती है। रात को सोते समय दूध में एक चम्मच देसी घी डालकर पीने से शरीर मजबूत बनता है। कब्ज दूर होता है। देसी घी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर को स्वस्थ रखता है और ऊर्जा देता है।

देसी घी का दम
देसी घी में ओमेगा-3, ओमेगा-7 जैसे कई फैटी एसिड, लिनोलेनिक जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स व प्रोटीन पाए जाते हैं। ये तत्व हानिकारक फ्री रेडिकल्स कणों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं और हृदय रोग, कैंसर जैसे गंभीर रोगों से बचाने में मदद करते हैं। हानिकारक कोलेस्ट्रॉल एलडीएल के स्तर को कम करता है, जो हृदय रोगों के खतरे को कम करता है। यह एक लुब्रिकेंट की तरह दिल की धमनियों से ब्लॉकेज खत्म करता है।

जोड़ों के दर्द में दे आराम
देसी घी के सेवन से जोड़ों के बीच चिकनाई बनी रहती है। हाथ-पैर के जोड़ों में जलन या दर्द होने पर गाय के घी से पैरों के तलवे की मालिश करने से आराम मिलता है।

पाचन प्रक्रिया में सुधार
लिनोलिक एसिड से भरपूर देसी घी शरीर की पाचन प्रक्रिया में सुधार करता है। इससे पाचन संबंधी विकार और पेट के अल्सर के उपचार में मदद मिलती है। मेटाबॉलिज्म ठीक होने से वजन नियंत्रित रहता है।

माइग्रेन में दे आराम
सिरदर्द होने पर देसी घी से सिर और पैरों के तलवे की मालिश करने से आराम मिलता है। सुबह-शाम देसी घी की दो बूंदें नाक में डालने से माइग्रेन दर्द ठीक हो जाता है।

आंखों की ज्योति बढ़ाए
वसा में घुलनशील विटामिन ए,डी और ई से भरपूर देसी घी आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक है। साथ ही यह रोजमर्रा के आहार में लिए जाने वाले विटामिन्स को मांसपेशियों में आसानी से स्टोर कर लेता है। एक चम्मच देसी घी, एक चम्मच पिसी चीनी और एक-चौथाई चम्मच काली मिर्च मिला कर सुबह खाली पेट लेना चाहिए और रात को सोते समय खाकर गर्म दूध पीना चाहिए।

नहीं फटते होठ
सर्दियों में फटे होठों और एड़ियों पर दिन में कम से कम दो बार देसी घी लगाना फायदेमंद रहता है।

बालों को दे नई जान
बराबर मात्रा में देसी घी, जैतून या नारियल तेल मिला कर सिर की मालिश करें। 15-20 मिनट बाद माइल्ड शैंपू से बाल धो लें। बाल काले, मजबूत व घने होते हैं।

मॉइस्चराइजिंग एजेंट का करे काम
देसी घी में मौजूद फैटी एसिड सर्दियों में सूखी त्वचा को नमी प्रदान कर त्वचा को कोमल बनाने में मदद करता है। नियमित रूप से त्वचा की मालिश करने से उम्र बढ़ने के साथ त्वचा पर उभरने  वाली झुर्रियों का असर कम होता है। देसी घी में थोड़ा-सा कर्पूर मिलाकर लगाने से त्वचा में होने वाले दाने कम होते हैं।
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